मोबाइल फोन पर बातचीत करना और इंटरनेट एक्सेस करना महंगा होने जा रहा है। दरअसल टेलिकॉम कंपनियां नए साल में अपने प्री-पेड और पोस्टपेड प्लान की कीमत में इजाफा कर सकती हैं। दरअसल टेलिकॉम कंपनियां नए वित्तीय वर्ष 2021-22 में एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) और डेटा खपत में हुए इजाफे के चलते 13 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियां की तरफ से मोबाइल टैरिफ बढ़ाया जा सकता है।

क्या हैं रिचार्ज के महंगे होने की वजहें
ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वक्त में टेलिकॉम सर्विस का इस्तेमाल बढ़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे है और ऑनलाइन मोड से कंटेंट देख रहे हैं इससे डेटा के खपत में इजाफा होगा। ऐसे में ज्यादा डेटा और कॉलिंग के इस्तेमाल के चलते टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से प्लान्स की कीमतों में इजाफा किया जा सकता है। रिपोर्ट की मानें, तो लगो 2G से 4G में शिफ्ट कर रहे हैं। इसके चलते एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में इजाफा होगा। इसकी वजह से प्लान महंगे हो सकते हैं। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी टेलिकॉम कंपनियों ने टैरिफ में बढ़ोतरी की थी। इससे वित्त वर्ष 2020-21 में टेलिकॉम कंपनियों की अच्छी कमाई रही थी।
कर्ज के बढ़ने की संभावना
ICRA एजेंसी के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों की कमाई में बढ़ोतरी के साथ ही कर्ज में भी इजाफा देखने को मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में टेलिकॉम इंडस्ट्री पर 4.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज होगा। वित्त वर्ष 2022 में टेलिकॉम इंडस्ट्री पर अनुमानित 4.7 लाख करोड़ का कर्ज होगा। सरकार से टेलिकॉम सेक्टर को मदद मिल सकती है। नवंबर 2019 में सरकार ने वित्तीय सहायता की पेशकश की थी। इसके अलावा, डेटा के लिए फ्लोर टैरिफ, लेवी में कमी, और स्पेक्ट्रम भुगतान में छूट शामिल थी।
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