बैंकों को बड़ा झटका:दोस्तों आरबीआई ने कर दिया लिस्ट से बाहर इन बैंकों को, अब क्या होगा ग्राहकों का
दोस्तों भारतीय रिजर्व बैंक ने के सरकारी बैंकों को आरबीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची से बाहर कर दिया है, मतलब साफ है कि इन बैंकों पर आरबीआई के नियम लागू नहीं होंगे दरअसल इन बैंकों का अन्य बैंकों के साथ विलय कर दिया गया है ,इसलिए इनको हटा दिया गया है, बैंक में जो बैंक शामिल है उसमें जो सबसे पहला बैंक सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ,यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कारपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक शामिल है, ग्राहकों पर कोई भी असर नहीं होने वाला है क्योंकि मर्जर के बाद इन बैंक मर्ज होने वाले बैंक के कस्टमर चुके हैं
पहले ही 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान हो चुका है
दोस्तों आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान कर दिया था, इस योजना के मुताबिक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पंजाब नेशनल बैंक में हो गया था, इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है , सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में हो रहा है, इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में होगा, आंध्र बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हो गया है
सिंडिकेट बैंक ने बंद किया अपना कारोबार आपको पता है
रिजर्व बैंक की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सिंडिकेट बैंक को 01 अप्रैल 2020 से आरबीआई अधिनियम 1924 की दूसरी अनुसूची से बाहर किया गया है ,क्योंकि 27 मार्च 2020 की अधिसूचना के हिसाब से 01 अप्रैल 2020 से इसके बैंकिंग कारोबार बंद हो गए हैं ,
शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक ने अन्य 5 सरकारी बैंकों के संबंध में इसी तरह की अधिसूचना जारी की है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल बैंक को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (शेड्यूल कमर्शियल बैंक) के रूप में जाना जाता है, इन छह बैंकों का 1 अप्रैल से अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ विलय कर दिया गया है
मर्जर के चलतेबैंकों ने लिया यह फैसला
ओबीसी और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में, केनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का, आंध्र बैंक और कारपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ,और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय कर दिया गया , इन विलय के बाद आप देश मैं 7 बड़े और छोटे सरकारी बैंक है साल 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे जो अब विलय के बाद 12 रह गए
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