Friday, December 27, 2024
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अब पेटीएम से फोन पे पर लेनदेन की सुविधा, मोबाइल वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी अनिवार्य

लेट और पेमेंट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए अच्छी खबर है। वॉलेट को और लोकप्रिय बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने वॉलेट कंपनियों को 31 मार्च, 2022 तक एक से दूसरे वॉलेट में लेनदेन की सुविधा देने का निर्देश दिया है।

Cross wallet transfer coming soon as RBI releases interoperability norms

हाल ही में जारी एक सर्कुलर में केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2023 यानी 1 अप्रैल, 2022 से मोबाइल वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी अनिवार्य कर दी है। यानी, इस सुविधा शुरू होने के बाद आप एक वॉलेट से दूसरे में पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। अभी यह सुविधा एक से दूसरे वॉलेट में उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से वॉलेट और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) प्रदान की जाने वाली सेवाओं को और विस्तार देने में मदद मिलेगी। इस पहल से डिजिटल भुगतान में तेजी आएगी जिससे कैशलेस इकोनॉमी बनाने में मदद मिलेगी। आरबीआई के निर्देश के बाद वॉलेट कंपनियां जल्द ही इस सेवा को शुरू कर सकती हैं।

केवाईसी का अनुपालन करना जरूरी होगा

एक वॉलेट से दूसरे में लेनदेन करने के लिए उपयोगकर्ता को पूर्ण केवाईसी का अनुपालन करना जरूरी होगा। आरबीआई के निर्देश के अनुसार, पूर्ण केवाईसी कराने के बाद ही उपभोक्ता को इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। यानी, इंटरऑपरेबिलिटी शुरू होने के बाद आप पेटीएम से फोनपे में पैसा भेजने या फोनपे से पेटीएम में प्राप्त करने की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

महीने में 10,000 रुपये निकासी की सुविधा

आरबीआई की ओर से जारी सकुर्लर में कहा गया है कि अब उपयोगकर्ता एक बार में पेमेंट कार्ड या मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर 2000 रुपये निकाल सकते हैं। वहीं, महीने में अधिकतम 10 हजार रुपये की निकासी कर पाएंगे। इससे पहले आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा में वॉलेट की लीमिट को बढ़ाकर 1 से 2 लाख रुपये करने का ऐलान किया था। सर्कुलर के मुताबिक वॉलेट की सीमा भी 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।

एटीएम या पीओस का कर पाएंगे उपयोग

आरबीआई के नए निर्देश लागू होने पर वॉलेट या प्रीपेड कार्ड का उपयोग एटीएम, माइक्रो-एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों पर नकदी निकालने के लिए किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस कदम से डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी।

शिकायतों को सुनने की व्यवस्था करनी होगी

आरबीआई ने कहा कि वॉलेट औैर पीपीआई की सुविधा देने वाली गैर-बैंकिंग कंपनियों को ग्राहकों की शिकायतों के लिए एक अलग से व्यवस्था बनानी होगी। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस संबंध में शिकायतें संबंधित लोकपाल के दायरे में आती हैं और ग्राहकों की लायबिलिटी सीमित करती हैं। ग्राहक जब पीपीआई खोलेंगे तो नकद निकासी के लिए कुछ समय तक इसे रोकना होगा, ताकि धोखाधड़ी को रोका जाए।

सार्वजिनक पेमेंट कार्ड को अलग रखा गया

हालांकि, सार्वजनिक परिवहन के लिये जारी पीपीआई को किसी भी नेटवर्क या जगह पर उपयोग से अलग ही रखा गया है जबकि गिफ्ट कार्ड (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए यह विकल्प होगा कि वे किसी भी नेटवर्क के लिए यह सुविधा दें। बता दें कि पेमेंट कार्ड या पीपीआई ऐसे कार्ड हैं जिनमें यूजर्स पहले से ही एकमुश्त राशि जमा कर देते हैं। इन्हें यूजर्स अपने मित्रों को गिफ्ट कर सकते हैं। इसके बाद कार्ड धारक जरूरी वस्तुओं और सेवा की खरीद, पैसा भेजने समेत विभिन्न कार्यों को इन कार्ड के जरिए निपटा सकते हैं।

सिर्फ जमा पर ब्याज नहीं मिलेगा

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि वॉलेट से पैसे निकासी और एक से दूसरे में भुगतान की सुविधा शुरू होने पर यह पूरी तरह से बैंक की तरह काम करेगा। सिर्फ एक अंतर होगा कि बैंक में जमा रकम पर ब्याज मिलता है लेकिन इसमें ब्याज नहीं मिल पाएगा।

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